Bilashi (Hindi) Sarat
by Chandra Chattopadhyay 2020-04-21 04:38:31
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पक्का दो कोस रास्ता पैदल चलकर स्कूल में पढ... Read more
पक्का दो कोस रास्ता पैदल चलकर स्कूल में पढ़ने जाया करता हूँ। मैं अकेला नहीं हूँ, दस-बारह जने हैं। जिनके घर देहात में हैं, उनके लड़कों को अस्सी प्रतिशत इसी प्रकार विद्या-लाभ करना पड़ता है। अत: लाभ के अंकों में अन्त तक बिल्कुल शून्य न पड़ने पर भी जो पड़ता है, उसका हिसाब लगाने के लिए इन कुछेक बातों पर विचार कर लेना काफी होगा कि जिन लड़कों को सबेरे आठ बजे के भीतर ही बाहर निकल कर आने-जाने में चार कोस का रास्ता तय करना पड़ता है, चार कोस के माने आठ मील नहीं, उससे भी बहुत अधिक। बरसात के दिनों में सिर पर बादलों का पानी और पाँवों के नीचे घुटनों तक कीचड़ के बदले धूप के समुद्र में तैरते हुए स्कूल और घर आना-जाना पड़ता है, उन अभागे बालकों को माँ-सरस्वती प्रसन्न होकर वर दें कि उनके कष्टों को देखकर वे कहीं अपना मुँह दिखाने की बात भी नहीं सोच पातीं।तदुपरान्त यह कृतविद्य बालकों का दल बड़ा होकर एक दिन गांव में ही बैठे या भूख की आग बुझाने के लिए कहीं अन्यत्र चला जाय, उनके चार कोस तक पैदल आ&# Less
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  • Sai ePublications & Sai Shop
  • June 27, 2014
  • 2940046043969
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